I have written a book named नज़र (NAZAR) which contains beautiful heart touching poetries and shariya belong to modern themes,love,sadness(गम).
Some parts(अंश) of my poem:
नज़र
नज़र तेरी कुछ ऐसी थी
होंगे फ़िदा ऐसी बेबसी थी
बर्बाद होना था तेरी नज़र में
क्या नज़रों में मरना बेवकूफी थी
देखा था उस पथ पे उसे
जहां राहे सुनसान को जाती थी
रोती बिलखती सहमी सी वो
क्या ऐसी ही मेरी शायरी थी
Powered by InFoMiXo for Pratyush Maurya